महाभारत ग्रन्थ सिर्फ हिंदू का ही नहीं बल्कि समस्त मानव जाति का ग्रंथ है। इसे पढ़ने से प्रत्येक मानव को अच्छी शिक्षा और मार्ग मिल सकता है। प्रत्येक मानव को इसे जरुर पढ़ना चाहिए। जीवन से जुड़ा ऐसा कोई भी विषय नहीं है जिसका हल महाभारत में ना हो।
महाभारत ग्रंथ में देश, धर्म, अध्यात्म, राजनीति, न्याय, समाज, युद्ध, योग, परिवार, ज्ञान, विज्ञान, अध्यात्म और तकनीकी आदि समस्त विषयों का ज्ञान वर्णन मे मिलता है। आज की इस ब्लोग पोस्ट में हम आपको महाभारत का ऐसा प्रसंग के बारें बताएंगे जिससे आज का मानव बहुत कुछ सीख सकता है। और अपने जीवन को बदल सकता है।
बात उन दिनों की है जब पांचों पांडवों को वनवास हो गया था। वनवास जाने से पहले पांचों पांडवों ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा- हे श्री कृष्ण! अभी इस समय द्वापर युग का अंत काल चल रहा है मगर आप हमें बताएं कि आने वाली कलयुग(काल का युग) की गति क्या और कैसी होगी।
भगवान श्री कृष्ण जवाब देते हैं – मैं तुम्हें इसका सीधा सा तो उत्तर नहीं दे सकता लेकिन हां तुम पांचों भाई वन में जाओ और वन मे जो कुछ भी तुम्हे दिखे मुझे आकर बताओ। मैं तुम्हें उसका कलयुग में क्या प्रभाव होगा वह बताऊंगा। इसके बाद पांचों भाई वन में चले गए और उन्होंने वन में जो देखा और जो देखा उसे देख कर आश्चर्यचकित रह गए आखिर उन्होंने वन में ऐसा क्या देखा और श्रीकृष्ण ने क्या जवाब दिया यह जानने के लिए आपको इस पोस्ट को अंत तक पढ़ना होगा तो स्वागत है आपका फैक्ट्स हिंदी में वेबसाइट पर। चलिए शुरू करते है।
भगवान श्री कृष्ण के कहने पर पांचों पांडव अलग-अलग दिशाओं में वन की ओर निकलते और यह देखते है :
युधिष्ठिर:- युधिष्ठिर वन भ्रमण पर गए और उन्होने एक जगह पर देखा कि एक हाथी के दो सूंड थे। हाथी की दो सूंड देखकर युधिष्ठिर के आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहा।
अर्जुन:- दूसरी दिशा में अर्जुन वन भ्रमण पर गए थे। कुछ दूर तक जंगल में जाने पर उन्होंने जो देखा उसे देखकर अर्जुन भी आश्चर्यचकित ही रह गए। वहां पर उन्होंने देखा कि वहा कोई एक पक्षी बैठा है जिसके पंखों पर वेदों की रचनाएं की हुई है और वह पक्षी मुर्दे का मांस खा रहा है यह दृश्य देखकर अर्जुन कुछ समझ ही नहीं पाए।
भीम:- दोनों भाइयों की तरह ही महाबली भीम भी वन भ्रमण पर गए थे और भीम ने जो देखा वह भी आश्चर्यचकित ही रह गए उन्होंने देखा की एक गाय ने बछड़े को जन्म दिया लेकिन बछड़े का जन्म होते ही गाय अपने बछड़े को इतना चाट रही है कि उसका बछड़ा लहूलुहान हो गया है।
सहदेव:- एक तरफ सहदेव वन भ्रमण कर रहें थे तो सहदेव ने चौथा आश्चर्यचकित करने वाला अजूबा देखा उन्होंने देखा की 6 से 7 कुएं है जिसमे पानी है और बीच में एक कुआं है जो बिल्कुल ही खाली है। मगर बीच का कुआं काफी गहरा होते हुए भी वह कुआं सुखा पड़ा है। यह देखकर सहदेव सोचते है कि ऐसे कैसे हो सकता है।
नकुल:- सब भाईयो की तरह ही नकुल भी वन भ्रमण कर रहे थे और नकुल ने एक आश्चर्यजनक घटना देखी। एक बड़े से पहाड़ के ऊपर से एक बड़ी सी चट्टान लुढ़कते हुए पृथ्वी की ओर आ रही है और वह चट्टान अपने रास्ते में आए कितने ही वृक्षों से टकराकर उनको नीचे गिराते हुए वे आगे की ओर बढ़ती है और विशालकाय वृक्ष भी उसे रोक नही पा रहे थे। और इसके बाद यह चट्टान कितनी ही अन्य चट्टानों से भी टकराई फिर भी कोई चट्टान उसे रोक रोक नहीं पाई। और अंत में वह एक अत्यंत छोटे पौधे को स्पर्श करते ही स्थिर हो जाती है।
यह सारी आश्चर्यजनक घटनाएं देखने के बाद पांचों भाई एकत्रित हुए और शाम के समय में भगवान श्री कृष्ण को अपने अनुभव सुनाए –:
सबसे पहले धर्मराज युधिष्ठिर ने श्री कृष्ण से कहा – हे! कृष्ण मैंने तो अपने जीवन में पहली बार दो सूंड वाले हाथी को देखा जो कि मेरे लिए बहुत ही आश्चर्यजनक था।
भगवान श्री कृष्ण युधिष्ठिर से कहते हैं– धर्मराज अब तुम कलिकाल की सुनो कलयुग में ऐसे लोगों का राजा होंगे जो दोनों ओर से शोषण करेंगे यानि बोलेंगे कुछ और करेंगे कुछ। मन में कुछ और होगा और कर्म कुछ और ही करेंगे। ऐसे ही लोगों का कलयुग में राज होगा तुम कलयुग के आने से पहले तक राज कर लो क्योंकि कलयुग में धर्मगुरुओं का राज संभव नही हैं।
युधिष्ठिर के बाद अर्जुन श्री कृष्ण से कहते है– हे कृष्ण! मैंने जो देखा है वह तो कहीं बेहद ही आश्चर्यजनक था। मैंने देखा कि एक पक्षी के पंखों पर वेदों की रचनाएं लिखी हुई थी मगर वह पक्षी मुर्दे का मांस खा रहा है।
श्री कृष्ण अर्जुन से कहते हैं –अर्जुन! कलयुग में ऐसे लोगों रहेंगे जो खुद को बड़ा ज्ञानी बताएंगे और बड़े ज्ञानी कहलाएंगे। विज्ञान की चर्चा करेंगे लेकिन उनके आचरण पूरे राक्षसी होंगे। वह बड़े पंडित और विद्वान कहलाएंगे किंतु फितर से यह सोचते रहेगें कि कौन सा मनुष्य कब मरे और कब उनकी सारी संपत्ति हमारे नाम हो जाए।
“हे अर्जुन” संस्था के व्यक्ति भी इस बात पर ही विचार करेंगे कौन सा मनुष्य कब मरे और वह संस्था हमारे नाम पर हो जाए। हर जाति धर्म के प्रमुख पदों पर बैठे यही सोचेंगे कि कब किस व्यक्ति का श्राद्ध हो और कौन कब किस पद से हट जाए या कैसे इसे इस पद से हटाया जाए और हम उस पर चढ़ जाए। चाहे कितने भी बड़े लोग होंगे मगर उनकी दृष्टि धन और प्रमुख पदों के ऊपर ही रहेगी। ऐसे लोगों की ही कलयुग में बहुतायत होगी।
अर्जुन के बाद भीम ने श्री कृष्ण से कहा:- महाबली भीम ने अपना अनुभव कृष्णा को सुनाया और भीम ने कहा कि मैंने देखा एक गाय अपने बछड़े को इतना चाटती है कि उसका बछड़ा लहूलुहान हो जाता है।
भगवान श्री कृष्ण महाबली भीम से कहते हैं– कलयुग में मनुष्य शिशुपाल हो जाएगा कलयुग में माँओ की बच्चों के प्रति ममता इतनी बढ़ जाएगी कि उन्हें अपने विकास के लिए अवसर ही नहीं मिलेगा। और मोह माया में ही कई घर बर्बाद हो जाएंगे। अगर किसी का बेटा घर छोड़कर साधु बनेगा तो हजारों लोग दर्शन करना चाहेंगे। मगर यदि अपने बेटे ने साधु बन्ना चाहा तो घर पर मां-बाप रोएंगे कि मेरे बेटे को क्या हो गया है। लोगो में इतनी ज्यादा ममता बढ़ जाएगी कि उसे घर-परिवार और मोह माया में ही बांधकर रखेंगे। और उसका जीवन उसी में खत्म हो जाएगा।
मगर वास्तव में लड़के तुम्हारे नहीं है। वह तो आपकी बहुओं की अमानत है। और आपके लड़कियां जमाईयो की अमानत है। और यह तुम्हारा शरीर मृत्यों की अमानत है। और तुम्हारी आत्मा भी परमात्मा की अमानत है। इसलिए तुम्हारा अपने सास्वत संबंध को जानना अत्यंत आवश्यक है ।
भीम के बाद सहदेव श्री कृष्ण से पूछा – हे श्री कृष्ण! मैंने जो देखा वह यह है कि मैंने यह देखा कि 5 से 7 बड़े कुओं के बीच में एक गहरा कुआं बिल्कुल
सूखा पड़ा है जिसमे एक बूंद भी पानी नहीं है मगर ऐसा कैसे संभव हो सकता है।
श्री कृष्ण ने जवाब में सहदेव से कहा – सहदेव! कलयुग में लोग लड़की के विवाह में मकान के उत्सव और कई छोटे-बड़े उत्सवों में तो लाखों रुपयों का खर्चा कर देंगे। परंतु पड़ोस में अगर कोई भूखा प्यासा मर रहा होगा। तो यह नहीं देखेंगे कि अपने पड़ोस वाले ने अपना पेट भरा है या नहीं। यही ही नहीं उनका अपना सगा भी भूख से मर जाएगा उसे देखते रहेंगे और कहेंगे क्या कर सकते है और दूसरी तरफ़ मौज, मदिरा, मांस भक्षक, सुंदरता और जश्न मे खूब पैसे उड़ाएंगें मगर किसी के दो आसूं पोछने में उनकी बिल्कुल भी रुचि ना होगी।
कहने का अर्थ यह है कि कलयुग में अन्नो के भंडार तो होंगे लेकिन कई लोग भूख से मरेंगे। सामने बड़े बंगलें में ऐशो आराम चल रहे होंगे। लेकिन पास की टूटी झोपड़ी में आदमी भूख और गरीबी से मर जाएगा एक ही जगह पर कई असमानता अपने चरम पर होगी।
सहदेव के बाद नकुल ने श्री कृष्ण से कहा:- हे कृष्णा! मैंने एक आश्चर्य देखा है की एक बड़ी सी चट्टान पहाड़ के ऊपर से लुढ़की और कई विशाल वृक्षों के तने और चट्टाने भी उसे रोक ना पाई। मगर एक छोटे से पौधे के स्पर्श होते ही वह बड़ी चट्टान रुक गई। तो मैं समझ नहीं पाया कैसे?
भगवान श्री कृष्ण ने नकुल से कहा:–नकुल! कलयुग में मानव जाति का मन इसी तरह नीचे गिरेगा उसका जीवन पतित होगा। यह पतित जीवन धन की सिलाओ से नहीं रुकेगा और ना हीं सत्ता के जैसे विशाल वृक्षों से रुकेगा। मगर हरि नाम के एक छोटे से पौधे से, हरि के कीर्तन से मानव जीवन रूपी पौधे का पतन होना रुक जाएगा। इसलिए भक्तों हरि के भजन ही कलयुग में मोक्ष पाने का एकमात्र उपाय है।
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जय श्री कृष्ण!